संविधान संशोधन 

• कोई भी संविधान कितना भी सोच समझ कर क्यों न बनाया जाए ,उसमे समय , काल एवं परिस्थितियों के अनुसार संशोधन करना ही पड़ता है

• भारतीय संविधान नम्यता और अम्यता का मिश्रण है

• भारतीय संविधान के भाग 20 के अन्तर्गत अनुच्छेद 368 में संसद को संविधान संशोधन की शक्ति प्रदान की गई है

भारतीय संविधान में तीन प्रकार के संशोधन किया जा सकता है -


भारतीय संविधान में तीन प्रकार के संशोधन किया जा सकता है -

  1): साधारण बहुत द्वारा 

  2): विशेष बहुमत द्वारा 

  3):। विशेष बहुमत तथा राज्य के अनुमोदन से |

 • इनमें नए राज्यो का प्रवेश या गठन , नए राज्य का निर्माण और उसके छेत्र सीमाओं या संबंधित राज्यो के नाम से परिवर्तन आदि सामिल है 

•ये ब्यवस्था अनुच्छेद 368 कि सीमा से बाहर है

• भारतीय संविधान के प्रथम संशोधन 1951 द्वारा संविधान में दो नए अनुच्छेद 31 (क) ,और 31 (ख ) तथा 9 वी अनुसूची को जोड़ा गया है 

42 वे संविधान संशोधन अधिनियम को लघु संविधान कहा जाता है 

• संविधान के 52 वे संशोधन अधिनियम द्वारा मतदाता कि आयु 21 वर्ष से घटा कर 18 वर्ष की गई 

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